
इमोशनल साइबर फ्रॉड (Emotional Cyber Fraud) एक नया साइबर अपराध का तरीका बन चुका है, जिससे लोग तेजी से ठगे जा रहे हैं। उदयपुर समेत देशभर में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जहां साइबर अपराधी लाचार और रोती हुई लड़की बनकर लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश करते हैं और फिर ओटीपी (OTP) लेकर उनके बैंक खातों से रकम उड़ा देते हैं। उदयपुर पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि इन कॉल्स से सावधान रहें और किसी भी अनजान नंबर पर ओटीपी शेयर न करें।
यह भी देखें: Widow Pension 2025: अब हर विधवा को मिलेंगे ₹5000 महीने – नए नियम जानकर आप भी कहेंगे, बहुत बढ़िया फैसला!
बदलते साइबर अपराध के तरीके: पुराने हथकंडे हो चुके हैं बेअसर
पहले साइबर ठग पुलिसकर्मी, बैंककर्मी बनकर फ्रॉड करते थे। फिर कॉल मर्ज, साइबर अरेस्ट, फिशिंग (Phishing), साइबर बुलिंग (Cyber Bullying) और साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stalking) जैसे तरीकों का इस्तेमाल शुरू हुआ। लेकिन अब ये तरीके लोगों के लिए जाने-पहचाने हो चुके हैं। इसलिए अब साइबर अपराधियों ने इमोशनल एंगल का सहारा लेना शुरू कर दिया है, जिसे लोग पहचान नहीं पा रहे हैं।
कैसे होता है इमोशनल साइबर फ्रॉड?
इस नई स्कीम में किसी अंजान नंबर से कॉल आता है। कॉल करने वाली लड़की की आवाज रोती-बिलखती होती है। वह कहती है कि उसने गलती से आवेदन में गलत मोबाइल नंबर डाल दिया है, जो आपके नंबर से मिलता-जुलता है। अब उसी नंबर पर ओटीपी (OTP) आ रहा है और अगर वह न मिला तो उसकी जॉब, स्कॉलरशिप या पढ़ाई खतरे में पड़ जाएगी। वह कहती है कि उसका सेलेक्शन हो गया है, लेकिन वह जॉइन नहीं कर पाएगी या स्कॉलरशिप नहीं मिल पाएगी। पीड़ित व्यक्ति अगर सहानुभूति में आकर ओटीपी बता देता है, तो उसके बैंक अकाउंट से सारी रकम गायब हो जाती है।
उदयपुर में ऐसे केस आए सामने
केस 01: जॉब न मिलने की दुहाई
- सेक्टर-4 निवासी मनन के पास कॉल आया। लड़की ने कहा कि दिल्ली में उसका फायर ऑफिसर के लिए सलेक्शन हुआ है, लेकिन वह जॉइन नहीं कर पा रही है क्योंकि गलती से उसके आवेदन में मनन का नंबर दर्ज हो गया है। वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी मनन के पास आ रहा है। मनन ने समझदारी दिखाई और ओटीपी शेयर नहीं किया।
यह भी देखें: Bank Alert ₹436: क्यों भेज रहे हैं बैंक ₹436 वाला मैसेज? 31 मई से पहले अगर नहीं समझा, तो हो सकता है नुकसान!
केस 02: स्कॉलरशिप के लिए रोती लड़की
- मल्लातलाई निवासी इमरान के पास भी ऐसा ही कॉल आया। लड़की ने बताया कि कॉलेज से स्कॉलरशिप मिलनी है लेकिन एक अंक की गलती से इमरान का नंबर दर्ज हो गया है। उसने रो-रोकर कहा कि आगे की पढ़ाई रुक जाएगी और जिंदगी खराब हो जाएगी। इमरान ने साइबर सिक्योरिटी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर दी।
एक्सपर्ट की चेतावनी: ओटीपी शेयर करना सबसे बड़ी भूल
उदयपुर पुलिस के साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल राजकुमार जाखड़ बताते हैं कि इस तरह के कॉल्स की संख्या बढ़ी है। चाहे कॉलर कितनी भी इमोशनल बातें करे, ओटीपी (OTP) भूलकर भी शेयर न करें। साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी के अनुसार, अब लड़के भी एआई (AI) टेक्नोलॉजी से लड़की की आवाज में कॉल कर रहे हैं। ये एक संगठित गैंग होती है, जो लोगों को ठगने के लिए इमोशनल हथकंडे अपना रही है।
साइबर क्राइम के आंकड़े: स्थिति चिंताजनक
- पिछले दो सालों में 45 प्रतिशत साइबर क्राइम बढ़े हैं।
- वर्ष 2024 में कुल 107 करोड़ रुपये की साइबर ठगी दर्ज की गई।
- 2.5 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए गए।
- अब तक 18 अलग-अलग फ्रॉड के तरीके सामने आ चुके हैं।
खुद को कैसे बचाएं?
- कोई भी ओटीपी (OTP) किसी अनजान व्यक्ति से शेयर न करें।
- चाहे कॉल करने वाला कितना भी भावुक क्यों न हो, सतर्क रहें।
- साइबर सिक्योरिटी हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत करें।
- किसी भी अंजान लिंक या एप्लीकेशन को इंस्टॉल न करें।
- मोबाइल और बैंकिंग एप्स को हमेशा सुरक्षित रखें।