आज के समय में हर किसी के घर में गैस सिलेंडर का उपयोग हो रहा है, क्या कभी अपने सोचा है कि जिस सिलेंडर के हम रूपये दे रहे है उसमे पूरी LPG गैस भरी हुई है या नहीं. कई लोगों को शिकायत रहती है कि उनके सिलेंडर में पूरी गैस नहीं है. इस समस्या का समाधान लाने के लिए सरकार ने LPG Cylinder से होने वाली चोरी को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब सभी घरेलू गैस सिलेंडरों पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा।
गैस सिलेंडरों का बन रहा है “आधार”
यह QR code एक तरह से सिलेंडर का आधार होगा। इस कोड को स्कैन करके आप सिलेंडर से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। जैसे कि सिलेंडर कब भरा गया था, कितनी बार रिफिल हुआ है, किस डीलर से लिया गया है, और कितनी गैस भरी गई थी।
वर्तमान समय में हर चीज में धोखाधड़ी हो रही है, कई ठगी लोग सिलेंडर की कुछ गैस निकालकर उसे उसी के दाम में बेच देते है, जिसका परिणाम ग्राहकों को झेलना पड़ता है. ऐसे में क्यूआर कोड के माध्यम से गैस चोरी को रोकने में मदद मिलेगी. अगर कोई गैस चोरी करता है, तो उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा। क्यूआर कोड स्कैन करके यह पता लगाया जा सकेगा कि सिलेंडर में कितनी बार गैस भरी गई है और कितनी बार खाली कराया गया है। इस खास सुविधा का लाभ सभी उपभोक्ताओं को मिलेगा, अगर उन्हें सिलेंडर में कम गैस मिलती है, तो वे क्यूआर कोड स्कैन करके शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
तीन महीने में लगेगा QR कोड
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने World LPG Week 2022 के अवसर पर घोषणा की कि सभी घरेलू गैस सिलेंडरों पर QR कोड लगाया जाएगा। कई राज्यों में इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है. गैस चोरी को रोकने के लिए पुराने गैस सिलेंडरों पर QR कोड का मेटल स्टीकर वेल्ड किया जाएगा और नए गैस सिलेंडरों पर पहले से ही QR कोड लगा होगा। QR कोड की मदद से गैस चोरी करना मुश्किल हो जायेगा इसके अलावा आपको सिलेंडर की फिलिंग हिस्ट्री, वजन की सभी जानकारी मिल जाएगी.
गैस चोरी पर लगाम ऐसे लगेगी
गैस चोरी की समस्या को खत्म करने के लिए इंडियन ऑयल के सीनियर अधिकारी ने सलाह दी की QR कोड गैस सिलेंडर की ट्रैकिंग को आसान बना देंगे। पहले ये पता लगेगा भी मुश्किल था कि सिलेंडर किस डीलर या डिलीवरीमैन से आया था। लेकिन QR कोड के साथ, यह सब जानकारी एक स्कैन में उपलब्ध होगी। चोरों को पकड़ना आसान हो जाएगा और डर के मारे वे चोरी करने से बचेंगे।
QR कोड लगाने के लाभ
LPG Cylinder पर QR कोड सिर्फ चोरी रोकने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसके कई फायदे भी है जैसे – QR कोड से पता चलेगा कि सिलेंडर को कितनी बार रिफिल किया गया है, जिससे गैस सिलेंडर की उम्र और उसकी स्थिति का पता लगाना आसान हो जाएगा, यह भी पता चलेगा कि एक खाली सिलेंडर को वापस रिफिलिंग सेंटर आने में कितने दिन लगते हैं। इसके अतिरिक्त यदि कोई घरेलू गैस सिलेंडर का कमर्शियल उपयोग करते हुए पकड़ा गया तो QR कोड यह पता लगाने में मदद करेगा कि सिलेंडर की डिलीवरी किस डीलर ने की थी।
70 करोड़ गैस सिलेंडर पर लगेंगे QR कोड
पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, देश भर में 30 करोड़ घरेलू LPG उपभोक्ता हैं, जिनमें से 15 करोड़ अकेले IOC के हैं। इनमें से लगभग आधे (लगभग 15 करोड़) डबल सिलेंडर का उपयोग करते हैं। इसका मतलब है कि देश में लगभग 70 करोड़ घरेलू गैस सिलेंडर हैं। सभी सिलेंडरों पर QR कोड लगाने का काम बहुत पहले से शुरू हो चुका है.