
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना 2025 एक महत्वपूर्ण पहल है जो विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, छात्रों को सरकारी नौकरी की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग प्रदान की जाती है। यह योजना उन छात्रों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जो अपने घर की आर्थिक स्थिति के कारण महंगी कोचिंग की फीस नहीं चुका सकते। योजना के तहत, छात्रों को यूपीएससी, यूपीपीसीएस, नीट, एनडीए, आईआईटी-जेईई और सीडीएस जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी करने का अवसर मिलता है।
योजना का विस्तार और सहारनपुर में ऑनलाइन कोचिंग
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत, छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही विकल्पों के जरिए कोचिंग की सुविधा दी जाती है। लखनऊ के बाद सहारनपुर प्रदेश का एकमात्र जिला है, जहां पर ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सहारनपुर में इस योजना के तहत दो स्थानों पर कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इसके माध्यम से छात्र अपनी तैयारी को घर बैठे भी जारी रख सकते हैं। यह योजना विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जो कक्षा में शामिल नहीं हो पाते या जिनके पास बाहर जाने का अवसर नहीं होता।
योजना में छात्रों की बढ़ती भागीदारी
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में छात्रों की भागीदारी में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले वर्ष, जब केवल 175 छात्रों ने आवेदन किया था, तब से इस वर्ष अब तक 200 से अधिक छात्र आवेदन कर चुके हैं। यह बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि छात्र इस योजना को एक महत्वपूर्ण अवसर मान रहे हैं। इसके अंतर्गत छात्रों को अपनी तैयारी के लिए सही दिशा और मार्गदर्शन मिल रहा है, जिससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है।
उपलब्धि और चयनित छात्रों की सफलता
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत अब तक 38 छात्रों का चयन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में हो चुका है। यह चयन योजना की सफलता का प्रतीक है और इसके प्रभावी कार्यान्वयन को प्रमाणित करता है। सहारनपुर के जिला समन्वयक अजय सैनी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ऐसे बच्चों को मदद पहुंचाना है, जो महंगी कोचिंग की फीस का खर्च नहीं उठा सकते। इस पहल के माध्यम से, छात्र अपने घर के पास ही उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को अवसर प्रदान करना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और महंगी कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते। यह योजना विशेष रूप से उन लड़कियों और महिलाओं के लिए बनाई गई है, जिनके परिवार उन्हें बाहर भेजने की स्थिति में नहीं होते। इसके माध्यम से, छात्रों को उनके घर के पास ही कोचिंग की सुविधा मिल रही है, जिससे वे अपने सपनों को साकार करने में सफल हो सकते हैं।