आपने कई बार देखा होगा कि पेट्रोलियम वाहनों में गैस की खपत को मापने के लिए एक मीटर लगा होता है, वहीं घरेलू LPG सिलेंडर में कोई मीटर नहीं होता है. ये सवाल हर किसी के मन में आता होगा. हालांकि LPG सिलेंडर और पेट्रोलियम वाहनों में अलग -अलग गैस होती है लेकिन मीटर केवल पेट्रोलियम वाहनों में लगा होता है. तो आइए जानते है घरेलू LPG सिलेंडर में मीटर क्यों नहीं लगे होते है.
गैस सिलेंडर में मीटर क्यों नहीं होता?
भारत में अक्सर सभी गाड़ियों में पेट्रोल का पता लगाने के लिए मीटर लगे होते है, मीटर की मदद से ये पता लगा आसान हो जाता है कि टैंक में कितना पेट्रोल बचा है। लेकिन रसोई गैस सिलेंडर में ऐसा नहीं होता है. सिलेंडर पर मीटर न लगाने के कई कारण हो सकते है जो की इस प्रकार से है –
- घरेलू LPG सिलेंडर छोटे होते है, जिसमे मीटर लगाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती है।
- LPG गैस तरल अवस्था में होती है, जबकि पेट्रोलियम वाहनों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन गैसीय अवस्था में होता है। मीटर गैस की मात्रा को मापने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, न कि तरल पदार्थों को मापने के लिए.
- LPG गैस बहुत ज्वलनशील होती है जिस वजह से उसमे मीटर लगाने से गैस लीक होने का खतरा बढ़ जाता है, इसके अलावा मीटर लगाने से सिलेंडर की कीमत बढ़ जाएगी.
- मीटर लगाने और रखरखाव करने की लागत काफी अधिक होगी, जिस वजह से सिलेंडर की कीमत बढ़ सकती है, ऐसा करने से सिलेंडर का उपयोग कम हो जाएगा.
कुछ सरकारी इंजीनियरों का मानना है कि सिलेंडर में मीटर लगाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे गैस लीक होने का खतरा बढ़ सकता है। उनका यह भी कहना है कि सिलेंडर में गैस रिसाव को रोकने के लिए यह ज़रूरी है कि वह मजबूती से बंद हो।
आज के समय में तकनीकी सुविधा बढ़ने से गैस सप्लाई के लिए कई शहरों में पाइपलाइन का इस्तेमाल हो रहा है, पाइपलाइन लगने से गैस की खपत का पता लगाया जाता है. एक पूरे घर की पाइपलाइन में एक मीटर लगा होता है जिसकी मदद से हर महीने कितनी गैस खर्च हो रही है, उसका पता चलता है. लोगों को सुरक्षित, सस्ती और कुशल सुविधा देने के लिए ये पाइपलाइन बेहतरीन विकल्प है. पाइप गैस मीटर को व्यापक रूप से लागू करने के लिए, पूरे देश में पाइप गैस नेटवर्क का विस्तार करना होगा.