आप सभी यह तो जानते होंगे की आजकल LPG लोगों के घरेलू उपयोग का एक अहम हिस्सा बन चूका है। जिस प्रकार से आज कल हम सभी के लिए बिजली जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है उसी प्रकार से LPG गैस भी हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। LPG गैस हमें खाना पकाने एवं हीटिंग की सुविधा प्रदान करता है। जिसकी मदद से खाना खा पाते है। यह एक सुरक्षित गैस है। इसका उपयोग करने से प्रकृति को अधिक हानि नहीं होती है।
पहले के समय में घरों में खाना पकाने के लिए लकड़ी एवं कोयले का उपयोग किया जाता था। जिसके कारण प्रकृति को काफी हानि होती थी। क्योंकि इनसे प्रदूषण होता है और इनके जलने पर कई हानिकारक गैस रिलीज़ होती है। जिससे पर्यावरण को हानि पहुँचती है। इसलिए आजकल अधिकतर लोग LPG गैस का उपयोग करते है। लेकिन क्या आप सभी के मन में यह प्रश्न आया है की आखिर LPG का उपयोग हम लोग कब से करते आ रहे है? इसकी शुरुआत कब हुई थी। अगर आप को भी बारे में अधिक जानकारी नहीं पता है। घरेलू LPG गैस का इतिहास क्या है? इसकी खोज कब की गयी थी, आज यहाँ हम जानेंगे:
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घरेलू LPG गैस का इतिहास क्या है?
LPG गैस का उपयोग घरेलू खाना पकाने के लिए 20वीं शताब्दी की शुरुआत से ही किया जा रहा है। सन 1910, में एक अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. वाल्टर स्नेलिंग ने LPG गैस को तरल रूप में संपीड़ित करने की एक प्रक्रिया विकसित की। इस प्रक्रिया ने LPG गैस को परिवहन और भंडारण के लिए अधिक सुविधाजनक बना दिया। उसके बाद सन 1920 तक इस गैस का उपयोग अधिकतर लोग खाना पकने के लिए करने लगे थे। तब से ही यह गैस अधिकतर लोगों की लोकप्रिय बन चुकी थी। क्योंकि यह गैस लकड़ी एवं कोयले की तुलना में अधिक सुविधाजनक थी। यह कोयले एवं लकड़ी की तुलना में अधिक सुरक्षित भी है। इसके बाद इसका उपयोग काफी अधिक होने लगा।
1930 के दशक में इस गैस का उपयोग लोग हीटिंग के तौर पर भी करने लगे थे। जिससे घरेलू ईंधन के उपयोग में क्रांति ला दी। उसके बाद कई वर्षों के बाद सन 1940 में इस गैस का उपयोग वाहनों के ईंधन के तौर पर भी करने लगे थे। इस समय तक लोगों ने इस गैस का उपयोग कई अन्य चीजों के लिए करने लगे थे। आप सभी यह भी जान ले की सन 1950 तक इस गैस का उपयोग दुनिया भर में खाना पकाने, हीटिंग एवं वाहनों के ईंधन के रूप में किया जाने लगा।
भारत में घरेलू LPG गैस
भारत में LPG गैस का उपयोग सन 1960 से किया जाने लगा था। उसके बाद सन 1965 में भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रम (NRDP) के अंतर्गत इस गैस का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में भी किया जाने लगा। सन 1970, में भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेट्रोलियम कार्यक्रम (NRPP) की शुरुआत की गयी। उसके बाद सरकार ने LPG गैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस गैस पर सब्सिडी प्रदान करने की शुरुआत की थी। इन सभी के बाद सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम (NRSMP) की शुरुआत सन 1980 में की। इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में LPG गैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता सुविधाओं का निर्माण किया।
उसके बाद सरकार ने समय के साथ-साथ सब्सिडी में बढ़ोतरी की थी। ताकि उनको LPG गैस के सिलेंडर की अधिक कीमत से राहत मिल सकें। उसके बाद सरकार ने सन 2000 में उज्जवला योजना की शुरुआत की और इस योजना के तहत सरकार ने गरीब वर्ग के लोगों को मुफ्त में LPG सिलेंडर कनेक्शन प्रदान किये थे। लेकिन आज के समय भारत के अधिकतर लोग LPG सिलेंडर का उपयोग घरेलु तौर पर करते है। आप सभी को यह भी बता दे की आज के समय में भारत में करीब 250 मिलियन परिवार इस गैस का उपयोग करते है।
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