
महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवाड़ के शाहूनगर में हाल ही में एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल में पानी मिलाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद कई वाहनों के इंजन खराब हो गए, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस घटना ने एक बार फिर मिलावटी पेट्रोल-डीजल के खतरों को उजागर कर दिया है।
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किसी भी वाहन के सही संचालन के लिए शुद्ध ईंधन की आवश्यकता होती है, लेकिन मिलावट होने पर यह वाहन के इंजन और माइलेज को बुरी तरह प्रभावित करता है। ऐसे में जरूरी है कि पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता की जांच की जाए। आइए जानते हैं कि कैसे आप आसानी से पेट्रोल में मिलावट की पहचान कर सकते हैं।
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महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवाड़ में पेट्रोल में पानी मिलाने की घटना ने एक बार फिर मिलावट के खतरों को उजागर कर दिया है। ऐसे में जरुरी है कि आप जागरूक रहें और पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता की जांच करें।
पेट्रोल में मिलावट की पहचान क्यों जरूरी?
मिलावटी पेट्रोल-डीजल से वाहनों के इंजन खराब हो सकते हैं और उनकी उम्र भी कम हो सकती है। इसके अलावा, मिलावटी ईंधन से वाहन का माइलेज भी घट जाता है और मरम्मत पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।
भारत में पेट्रोल-डीजल में मिलावट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, खासकर जब कीमतें ऊंचाई पर होती हैं। इसलिए, मिलावट का शक होने पर उसकी जांच करना जरूरी हो जाता है।
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मिलावट की पहचान के आसान तरीके
फिल्टर पेपर टेस्ट
फिल्टर पेपर टेस्ट पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता जांचने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है। इसके लिए आपको सिर्फ 10 रुपये का फिल्टर पेपर या 1 रुपये का व्हाइट A4 पेपर चाहिए।
- सबसे पहले पेट्रोल पंप के नोजल को अच्छे से साफ करें।
- इसके बाद फिल्टर पेपर पर पेट्रोल या डीजल की कुछ बूंदें डालें।
- लगभग 2 मिनट में तेल उड़ जाएगा। अगर पेपर पर कोई दाग-धब्बा नहीं दिखता है, तो तेल शुद्ध है।
- लेकिन अगर गहरे रंग का दाग रह जाए, तो समझ लें कि पेट्रोल में मिलावट है।
यह आसान तरीका आपको पेट्रोल पंप पर खड़े-खड़े ही पेट्रोल की गुणवत्ता जांचने में मदद करता है।
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घनत्व (Density) की जांच
अगर फिल्टर पेपर टेस्ट के बाद भी आपको पेट्रोल-डीजल की शुद्धता पर शक है, तो आप घनत्व (Density) टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए हाइड्रोमीटर (Hydrometer) का इस्तेमाल किया जाता है, जो पेट्रोल पंप पर भी उपलब्ध होता है।
- पेट्रोल की डेंसिटी 730-800 kg/m³ और डीजल की 830-900 kg/m³ के बीच होनी चाहिए।
- अगर डेंसिटी इस दायरे से ऊपर-नीचे है, तो इसका मतलब है कि तेल में मिलावट की गई है।
वाहन के प्रदर्शन पर नजर रखें
मिलावटी पेट्रोल-डीजल के इस्तेमाल से वाहन के प्रदर्शन में तुरंत बदलाव आ सकता है, जैसे:
- वाहन का माइलेज घट सकता है।
- इंजन का आवाज बढ़ सकती है या झटके महसूस हो सकते हैं।
- गाड़ी स्टार्ट होने में समस्या आ सकती है।
अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या महसूस होती है, तो तुरंत पेट्रोल की गुणवत्ता की जांच करें।
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मिलावटी पेट्रोल-डीजल के नुकसान
मिलावटी पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल वाहनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है:
- इंजन खराब हो सकता है: इंजन के पार्ट्स में जंग लग सकती है और उनके खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।
- माइलेज घटता है: वाहन अधिक ईंधन खपत करता है, जिससे माइलेज पर असर पड़ता है।
- रखरखाव का खर्च बढ़ता है: बार-बार मरम्मत की जरूरत पड़ सकती है, जिससे मेंटेनेंस का खर्च बढ़ जाता है।
- वाहन की उम्र घट जाती है: इंजन और अन्य पुर्जों पर असर पड़ने के कारण वाहन की लाइफ कम हो जाती है।
क्या करें अगर मिलावट का शक हो?
- तुरंत पेट्रोल पंप की शिकायत करें: संबंधित पेट्रोल पंप के प्रबंधन से संपर्क करें और शिकायत दर्ज कराएं।
- कंज्यूमर फोरम में शिकायत: अगर समस्या का समाधान नहीं होता है, तो कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- तेल कंपनियों से संपर्क करें: अधिकतर तेल कंपनियों के पास कस्टमर केयर नंबर होते हैं, जहां आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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पेट्रोल-डीजल की शुद्धता बनाए रखना क्यों जरूरी?
पेट्रोल-डीजल की शुद्धता बनाए रखना सिर्फ वाहन के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। मिलावटी ईंधन के कारण न केवल प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि इसका असर देश की आर्थिक व्यवस्था पर भी पड़ता है।