आपके घरों तक LPG रसोई गैस पहुंचाने की प्रक्रिया में सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, तेल कंपनियां अब सख्त कदम उठा रही हैं। हर एक कंपनी ने अपने वितरकों को निर्देश जारी किए हैं कि वे प्रत्येक LPG गैस कनेक्शन के लिए ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करें। यह प्रक्रिया अभी तेजी से चल रही है, और जल्द ही इसे पूरा करने की समय सीमा घोषित हो सकती है। जो उपभोक्ता e-KYC process पूरी नहीं करा पाएंगे, उनका गैस कनेक्शन बंद हो सकता है।
आगरा में हाँ साढ़े नौ लाख उपभोक्ता
आगरा में, इंडेन, भारत गैस और HP गैस जैसी कंपनियां लगभग साढ़े नौ लाख उपभोक्ताओं को रसोई गैस उपलब्ध कराती हैं। इनमें से ज्यादातर उपभोक्ता लगभग ₹815.5 प्रति सिलेंडर की कीमत पर सिलेंडर भरवाते हैं। इसके अलावा, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को और भी अधिक सब्सिडी मिलती है। तेल कंपनियां इस बात पर जोर देती हैं कि सिर्फ वास्तविक उपभोक्ता ही सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाएं। फिलहाल, घरेलू सिलेंडरों के लिए कोई जांच नहीं की जाती है की क्या कोई फर्जी उपभोक्ता है या नहीं।
ई-केवाईसी से उपभोक्ताओं की संख्या पर पड़ेगा प्रभाव
गैस वितरकों के अनुसार, ई-केवाईसी लागू करने से उपभोक्ताओं की संख्या में 15% तक की कमी आ सकती है। ऐसे कई मामले हैं जहां उपभोक्ता देश छोड़कर चले गए हैं, लेकिन उनके कनेक्शन उनके उत्तराधिकारियों के नाम पर ट्रांसफर नहीं किए गए। वहीं कुछ उपभोक्ता हैं जो कहीं और रहने चले गए हैं, लेकिन उन्होंने अपने नए स्थान पर नए कनेक्शन ले लिए हैं, जबकि उनके पुराने पते पर पुराना कनेक्शन अभी भी चालू है।
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ग्राहकों की सुरक्षा पर ध्यान
आगरा में इंडेन LPG वितरक संघ के अध्यक्ष विपुल पुरोहित ने उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेल कंपनियों द्वारा किए गए विशेष प्रबंधों के बारे में बताया की कंपनियां सुनिश्चित करेंगी कि प्रत्येक उपभोक्ता के कनेक्शन की सुरक्षा जांच हो। यह जांच नौ मापदंडों पर आधारित होगी। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, कंपनियों ने “जांच और जागरूकता” नाम से एक अभियान चलाया है। उपभोक्ताओं को कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वितरकों के मैकेनिक उनके यहां आकर कनेक्शन की जांच करेंगे और जरूरत के अनुसार आवश्यक बदलाव करेंगे।
सब्सिडी वाले रबर पाइप
सुरक्षा बढ़ाने के लिए, तेल कंपनियों ने सब्सिडी वाले रबर पाइप देने का फैसला किया है। प्रत्येक उपभोक्ता को ये सुरक्षा रबर पाइप सिर्फ ₹150 में मिलेंगे, जबकि वास्तविक कीमत ₹190 है। किसी भी तरह की रिसाव की स्थिति में, उपभोक्ता सहायता के लिए एक समर्पित नंबर (1906) पर कॉल कर सकते हैं। कंपनियों ने अपने सुरक्षा अभियान के तहत सभी वितरकों को यह निर्देश दिया है कि वे गैस उपयोग में न होने पर रेगुलेटर बंद रखने की आदत पर जोर दें।
फर्जी उपभोक्ताओं को हटाना
तेल कंपनियों का मुख्य उद्देश्य अपने रिकॉर्ड से फर्जी उपभोक्ताओं को हटाना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ई-केवाईसी किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ वास्तविक उपभोक्ता ही सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा सकें।
कैसे करवाएं केवाईसी
- अपने गैस वितरक से संपर्क करें: ई-केवाईसी प्रक्रिया शुरू करने के लिए, अपने वितरक से संपर्क करें।
- आवश्यक दस्तावेज जमा करें: आपको अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आकार का फोटो और निवास प्रमाण जमा करना होगा।
- अपने बायोमेट्रिक्स देना होगा: आपके बायोमेट्रिक्स (आँखों का स्कैन और उंगलियों के निशान) लिए जाएंगे।
- SMS द्वारा पुष्टि: एक बार जब आपकी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो आपको एक पुष्टि SMS प्राप्त होगा।
ई-केवाईसी LPG वितरण प्रणाली में सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि केवल वास्तविक उपभोक्ता ही सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा सकें और गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी पर रोक लगे। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर लें।